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10:21, 8 जुलाई 2017 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=ॠतुप्रिया
|अनुवादक=
|संग्रह=सपनां संजोवती हीरां / ॠतुप्रिया
}}
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<poem>
बीनणी
सासरै में
कियां सोय सकै
नचीती होयर
सगळां रै
पैलै हेलै माथै पूगै
सैं सूं पैली
सगळा जतावै
आप-आपरौ हक
अर बीनणी
बिच्यारी
कियां लेवै जक।
</poem>
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