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10:26, 8 जुलाई 2017 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=ॠतुप्रिया
|अनुवादक=
|संग्रह=सपनां संजोवती हीरां / ॠतुप्रिया
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<poem>
मै’ल-माळिया
किण काम रा
जिण में रैवै कांस
चौबीस घंटा दम घुटै
अर दोरौ आवै सांस
घर हुवै चावै टापरौ
सैं’सूं चोखौ आपरौ
जठै गीत गाणनै जी करै
जठै बात करणनै जी करै
जठै नींद में सपनां आवै
घर तो बोइज कुहावै।
</poem>
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