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11:39, 9 जुलाई 2017 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=मदन गोपाल लढ़ा
|अनुवादक=
|संग्रह=चीकणा दिन / मदन गोपाल लढ़ा
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<poem>
रामलीला रै
पैलै दिन ई
ओ तै हुयग्यो-
दसरावै नैं
मरैला रावण
कड़ूंबै समेत।
पण
अंतस रो रावण
कद मरैला
किण नैं ठाह?
</poem>
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