गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
कवितानिकषोपल / लक्ष्मण कवि
3 bytes added
,
17:03, 16 जुलाई 2017
रम्भोधरध्वनिभिराशु रथैरसंख्यैः ।
पद्गैश्च भीषणतरैधृतखड्गचापै-
र्नियान्ति राजगतयः सहसैन्यपालाः
।।३।।
।।३३।।
रुध्वा चतुर्द्दिशमतीव बलैः प्रगल्भैः
Sirjanbindu
Mover, Reupload, Uploader
10,371
edits