गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
हिमालका कुरा गर्यौं, गुराँसका कुरा गर्यौं / दिनेश अधिकारी
14 bytes added
,
04:13, 23 जुलाई 2017
|संग्रह=
}}
{{KKCatGeet}}
{{KKCatNepaliRachna}}
<poem>
लुकीचोरी देशको भाग आफैँले पो खायौ कि
धितो राखी यो देशलाई नयाँ लुगा लायौँ कि
आफैँसँग सोधौँ अब कहाँ कहाँ हामी
चोक्यौँ
चुक्यौँ
कुन ठाउँमा लड्खडायौँ, कहाँ कहाँ हात झिक्यौँ
Sirjanbindu
Mover, Reupload, Uploader
10,369
edits