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16:26, 20 अगस्त 2017 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=प्रमोद सोनवानी 'पुष्प'
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<poem>
छत्तीसगढ़ के हावन बेटा,
गाँव-गंवई के शान अन।
धान उपजाथन हमन खेत म,
धरती के बेटा किसान अन।
माटी ला महकाथन हमन,
चारों कोती हरियर बनाथन जी।
अर्र त-ता नाँगर जोंत के,
भूईयाँ के बेटा कहाथन जी।
</poem>
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