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विद्यापति के दोहे / विद्यापति
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रचनाकार
: [[विद्यापति]]
[[Category:कविताएँ]]
[[Category:विद्यापति]]
घन-घन घनन घुँघरू कत बाजय, हन-हन कर तुअ काता।<br>
विद्यापति कवि तुअ पद सेवक, पुत्र बिसरू जनु माता।।<br><br>
--योगदानकर्ता: श्यामल सुमन
Lalit Kumar
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