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<poem>
गर कभी पूछे वो तुमसे
मुझसे इतना प्रेम क्यों है
तो कारण मत गिनाना
कि तुम बहुत खूबसूरत हो
आकर्षक हो
मनमोहक आँखें हैं
समझदार हो
खाना स्वादिष्ट पकाती हो
मुझे समझती हो
अच्छी माँ हो
सुगढ़ हो
सबसे अलहदा हो
वगैरह वगैरह
मत जताना कि प्रेम गुणों का मोहताज़ है
या कि प्रेम के लिए कारण अवश्यम्भावी हैं
या किन्ही शर्तों से बँधा है
या प्रेम के लिए सबसे अलहदा होना जरुरी है
बस यही कहना
अकारण अबूझ प्रेम है तुमसे
बस है इसलिए है.
</poem>
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