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11:29, 16 अक्टूबर 2017 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=नील्स फर्लिन
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<Poem>
देखो, जगत की व्याख्या - विज्ञान के प्रकाश में
लुप्त हो रही हैं हमारी सकल चिंताएं और दर्द का काफ़िला.
लोगों के मकानों के बीच दूरी नहीं रही कि अब है सब आसपास में,
लेकिन दिलों के बीच अभी भी बहुत है फासला.
'''(मूल स्वीडिश से अनुवाद : अनुपमा पाठक)'''
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