Changes

दो शहर / टोमास ट्रान्सटोमर

958 bytes added, 03:39, 17 अक्टूबर 2017
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=टोमास ट्रान्सटोमर |संग्रह= }} <Poem> एक...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=टोमास ट्रान्सटोमर
|संग्रह=
}}
<Poem>
एक जलडमरूमध्य के दोनों तरफ, दो शहर
एक दुश्मनों के कब्जे में, अँधेरे में डूबा हुआ
और दूसरे में जल रही हैं बत्तियां.
रोशन किनारा सम्मोहित करता है अँधेरे किनारे को.

बेखुदी की हालत में तैरता हूँ
झिलमिलाते काले समुद्र में.
मंद-मंद गूंजती है एक तुरही.
वह एक दोस्त की आवाज़ है, अपनी कब्र उठाओ और निकलो.

'''(अनुवाद : मनोज पटेल)'''
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
2,956
edits