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मुस्कुराकर चल मुसाफिर / गोपालदास "नीरज"
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08:23, 27 अक्टूबर 2017
पंथ पर चलना तुझे तो मुस्कुराकर चल मुसाफिर!<br>
वह मुसाफिर क्या जिसे कुछ शूल ही पथ के थका दें?<br>
हौसला वह क्या जिसे कुछ मुश्किलें पीछे हटा दें?<br>
Rahul Shivay
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