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<poem>
जीने के लिए मरना
ये कैसी स‍आदत <ref>तेजस्विता</ref> है
मरने के लिए जीना
ये कैसी हिमाक़त है
अकेले जीओ
एक शमशाद <ref>सर्व का पेड़, जो बिल्कुल सीधा होता है और जिससे अक्सर नायिका की उपमा दी जाती है</ref> तन की तरह
अओर मिलकर जीओ
एक बन की तरह
हमने उम्मीद के सहारे
टूटकर यूँ ही ज़िन्दगी जी है
जिस तरह तुमसे आशिक़ी की है ।है। {{KKMeaning}}
</poem>
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