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व्यंजनाओं की ख़बर किसको यहाँ होती / राजेन्द्र गौतम
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13:49, 2 दिसम्बर 2017
सिसकती सुनसान में अब तो हवा घायल
इस बगीचे में पड़ीं सब फूल कलियाँ ध्वस्त।
1982
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अनिल जनविजय
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