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13:22, 23 दिसम्बर 2017 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=दीपक शर्मा 'दीप'
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<poem>
नाती के ओ प्यारे बाबा
नाती तुम्हें पुकारे बाबा
कौन तुम्हारे जैसा बोलो,
हमको ख़ूब दुलारे बाबा
बब्बा-बब्बा-बब्बा-बब्बा
सूरज,चाँद-सितारे बाबा
ऐनक,धोती-कुरता,लाठी
झोला,गमछा,सारे ‘बाबा’
'जौ' के इक बोरे में दुर्दिन
तुम सा कौन गुज़ारे बाबा
आजी हमरी चौरा-मइया
मइया के जयकारे बाबा
कहां गई वो सांझ-दुपहरी
कहां गये 'भिनसारे' बाबा
ग़म के अँधियारे जीवन में
ख़ुशियों के उजियारे बाबा
आज बहुत हैं थेथर 'दीपू'
'कभी नहीं जो हारे बाबा'
</poem>