गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
दाबेड़ा आंसू / करणीदान बारहठ
No change in size
,
11:11, 30 दिसम्बर 2017
सपना में खोाओ राणाजी।’
सीराणै आई
नींदड़लो
नींदड़ली
,
दोनां नै आपी आ वैरी।
दोनां री आंख्यां जा चढ़ी,
आशिष पुरोहित
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
8,152
edits