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<Poem>
'''8-काँपती रूह'''
हौले से सहला,
आ ..तुझे गोद में
ढाँढस कैसे बँधाऊँ ?
'''9-फ़रमान'''
लो बताओ !
ये कैसा ...
जहन्नुम बना दिया !
'''10-दाग़'''
बड़ी चाहत से
दाग़ क्यों लगाया ?
'''11-चाहत के कंदील'''
तनहा थी ज़िंदगी ..
चाहत के कंदील बाले !
'''12-निर्मम'''
हमारी ...
समाज की ....
कैसे हो गए हम ...!!
'''13-करें दुआएँ !'''
पर्यावरण दिवस !
फल ही नज़र आएँ !!!
 '''14-सड़क बोलती है'''
सड़क बोलती है-