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बाल दोहे / गरिमा सक्सेना

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जब बच्चों मन से पढ़ो, तब तो होगा नाम॥
इमली में छोटी '' है, '' से होती ईख।
पुस्तक अच्छी मित्र है, ले लो इनसे सीख॥
'' से पढ़ो उलूक सभी, '' से पढ़ लो ऊन। वर्ण-ज्ञान के बिन जगत मेंजिसको नहीं, सारा उनका जीवन सून॥
'' से बनती एकता, '' से ऐनक गोल।
ओ से पढ़ लो ओखली, शिक्षा है अनमोल॥
औरत '' से सीख लो, 'अं ' से है अंगूर। वर्ण '' से 'अ: ' तक सभी, स्वर हैं, रटो ज़रूर॥
</poem>
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