Changes

रेहन / कुमार वीरेन्द्र

1 byte removed, 11:30, 2 मार्च 2018
{{KKCatKavita}}
<poem>
गौरैया तो उड़ते
चली जाती, पर उसका पंख झरकर
गिर रहा, और नज़र पड़ गई, आँचर में लोक लेती, फिर निहारते
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits