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महिषासुरमर्दिनी स्तोत्रम्
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11:04, 25 मार्च 2018
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<poem>अयि गिरिनंदिनि नंदितमेदिनि विश्वविनोदिनि नंदनुते
गिरिवरविंध्यशिरोधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते।
भगवति हे शितिकण्ठकुटुंबिनि भूरिकुटुंबिनि भूरिकृते
Lalit Kumar
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