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06:24, 1 अप्रैल 2018 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[दुष्यन्त जोशी]]
|अनुवादक=
|संग्रह=कठै गई बा'... / दुष्यन्त जोशी
}}
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<poem>
इच्छ्या सूं
दुख आवै
इच्छ्या सूं
डर आवै
पण
मिनख
सुभाव कियां बदळै
खुद रौ
इण सारू
इच्छ्या है
तद ई है
मिनख।
</poem>
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