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07:36, 1 अप्रैल 2018 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[मीठेश निर्मोही]]
|अनुवादक=
|संग्रह=आपै रै ओळै-दोळै / मीठेश निर्मोही
}}
{{KKCatKavita}}
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<poem>
उण दिन आपै में
कोनीं हा आपां
भूख अर तिरस
भिड़गी ही
मांहौमांह।
वासना री
भूख
कविता री
तिरस
दोन्यूं री अेक ई
तास !
उण दिन ई
व्ही ही
इणरी आ नेगम
तपास।
</poem>
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