Changes

सेंसकार / मीठेश निर्मोही

927 bytes added, 08:57, 1 अप्रैल 2018
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=[[मीठेश निर्मोही]] |अनुवादक= |संग्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[मीठेश निर्मोही]]
|अनुवादक=
|संग्रह=आपै रै ओळै-दोळै / मीठेश निर्मोही
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
सोनचिड़ी रै सुगनां
दिसावर गयौ
किसनौ कुंभार
आपरै गधां सागै
लापता है।

उणनै उडीकतौ-उडीकतौ
मरग्यौ है
उणरौ अधगावळौ बाप।

चित्त बायारै व्हियां
डीकरौ
उणरौ
नित्त-हमेस
सूरज री उगाळी
उडीकै है उणनै।

इण आस रै जोह
के
सोनचिड़ी रा सुगन
सपनै ई
माड़ा नीं व्है।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
8,152
edits