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09:40, 1 अप्रैल 2018 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[मीठेश निर्मोही]]
|अनुवादक=
|संग्रह=आपै रै ओळै-दोळै / मीठेश निर्मोही
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
उम्मीद रै माळां री
मुळक सारू
बणणी चावूं
रूंख
जठै
नचीता होय
वंस बधावै
पांख-पंखेरू
बरसण
भल-भल
आवै मेघ।
</poem>
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