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15:13, 3 अप्रैल 2018 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[ॠतुप्रिया]]
|अनुवादक=
|संग्रह=ठा’ नीं कद हुज्यावै प्रेम / ॠतुप्रिया
}}
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<poem>
टाबरां रा सगळा खेलकूद
छोरियां रा नाच-गाणां
बूढा-बडेरां री
लाम्बी-लाम्बी बातां
गिटग्यौ काँच रौ बक्सौ
अर
रई सई कसर
पूरी कर दी मोबाइल
अबै सगळा
आपरी उधेड़ै
अर आपरी सीवै
आखौ जग
आप-आपरी दुनिया में जीवै।
</poem>
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