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रात बढ़ती है तो चढ़ता है जुनूँ का दरिया / विकास शर्मा 'राज़'
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13:29, 25 अप्रैल 2018
हम नहीं जानते सहरा में जुनूँ के आदाब
प्यास लगती है तो कह उठते हैं दरिया दरिया
जिसकी लहरों ने बनाया था शनावर मुझको
याद आता है बहुत मुझको वो पहला दरिया
</poem>
Shrddha
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