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03:51, 29 अप्रैल 2018 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=कल्पना सिंह-चिटनिस
|अनुवादक=
|संग्रह=चाँद का पैवन्द / कल्पना सिंह-चिटनिस
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
मैं ढूंढती हूँ रोशनी को
पग-पग पर अँधेरे में
और अँधेरे ढूंढते हैं मुझको
रोशनी के डेरे में।
</poem>