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03:54, 29 अप्रैल 2018 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=कल्पना सिंह-चिटनिस
|अनुवादक=
|संग्रह=चाँद का पैवन्द / कल्पना सिंह-चिटनिस
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
मेरे घर की कच्ची दीवारों पर
वह तो आते जाते
कुछ तुम लिख जाते थे,
कुछ वे लिख जाते थे,
और लोग जानते हैं
वह कहानी मेरी है।
</poem>