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हां मेरी तुम / राहुल कुमार 'देवव्रत'
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13:13, 12 मई 2018
काठ-सा सूखा पड़ा हूँ वृक्ष तेरा दांत काटा
हाँ मेरी तुम
मैं समय के पार जाता
वह
वो
हवा था
</poem>
Rahul Shivay
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