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सुबह गए थे / नईम

114 bytes added, 04:24, 14 मई 2018
इसी धरातल भावभूमि पर
आए हैं बनवास लौट घर।
 
सुबह गए थे-
साँझ पड़े वो आए फिर देवास लौटकर।
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