गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
निकली है सवारी / साहिल परमार
21 bytes added
,
10:04, 21 मई 2018
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatDalitRachna}}
<poem>
तेरी मूँछें थर-थर काँपेंगी देख निकली है सवारी
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,941
edits