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तारों से / महेन्द्र भटनागर
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06:30, 14 जुलाई 2008
झुलसाये जाते हैं प्रतिपल ?
:
:::::दिखते पीड़ित, व्याकुल, दुर्बल,
कुछ केवल कँपकर रह जाते,
अनिल जनविजय
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