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हिणा माणस ठाढे तै, मजबुर भी होज्याया करै / राजेराम भारद्वाज
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06:58, 8 फ़रवरी 2019
|रचनाकार=राजेराम भारद्वाज
|अनुवादक=
|संग्रह=
सन्दीप कौशिक
}}
{{KKCatHaryanaviRachna}}
सांग:– शकुंतल-दुष्यंत (अनुक्रमांक-18)
"
''
'हिणा माणस ठाढे तै, मजबुर भी होज्याया करै,'''
'''हाथ जोड़ले के नही माफ, कसूर भी होज्याया करै ।। टेक ।।'''
Sandeeap Sharma
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