गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
06 तूं है जननी भारत माँ, तेरा जाणै ना कोऐ भा / राजेराम भारद्वाज
12 bytes added
,
17:59, 24 मई 2018
(6)
काव्य विविधा
&
(
अनुक्रमांक-3
)
'''
तूं है जननी भारत माँ, तेरा जाणै ना कोऐ भा,
'''
'''
सबकी तूं कल्याणी री, शक्ति-जगदम्बा ।। टेक ।।
'''
सरस्वती बणके तूं, सबके कंठ पै रहती है,
Sandeeap Sharma
445
edits