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ब्रहमा बैठे फूल कमल पै, सोचण लागे मन के म्हां / राजेराम भारद्वाज
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18:12, 24 मई 2018
सांग:– चमन ऋषि – सुकन्या (अनुक्रमांक – 1)
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ब्रहमा बैठे फूल कमल पै, सोचण लागे मन के म्हां,
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'''
आई आवाज समुन्द्र मै तै, करो तपस्या बण के
म्हा॥टेक॥
म्हा ॥टेक॥'''
तप मेरा शरीर तप मेरी बुद्धि, तप से अन्न भोग किया करूं,
Sandeeap Sharma
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