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ब्रहमा बैठे फूल कमल पै, सोचण लागे मन के म्हां / राजेराम भारद्वाज
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18:14, 24 मई 2018
सांग:– चमन ऋषि – सुकन्या (अनुक्रमांक – 1)
"'ब्रहमा बैठे फूल कमल पै, सोचण लागे मन के म्हां
,
'''
'''आई आवाज समुन्द्र मै तै, करो तपस्या बण के म्हा ॥टेक॥'''
Sandeeap Sharma
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