गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
ब्रहमा बैठे फूल कमल पै, सोचण लागे मन के म्हां / राजेराम भारद्वाज
1 byte added
,
18:15, 24 मई 2018
(13)
सांग:– चमन ऋषि – सुकन्या (
अनुक्रमांक –
अनुक्रमांक–
1)
"
''
'ब्रहमा बैठे फूल कमल पै, सोचण लागे मन के म्हां
,
'''
'''आई आवाज समुन्द्र मै तै, करो तपस्या बण के म्हा ॥टेक॥'''
Sandeeap Sharma
445
edits