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बरसती बारिशों की धुन पे लम्हे गुनगुनाते हैं / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
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11:44, 13 जून 2018
कहानी की किताबों में न ढूँढ़ो प्यार का मतलब
ये इक सैलाब है, इसमें
किनारे
डूब जाते हैं,
नई तहज़ीब है, बाज़ार खुलने पे ये तय होगा
Lalit Kumar
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