मृत्यु की लहरों पर तैर कर, अडिग निज प्रण पर रहते है।
कभी धार्मिक-वेदी के भेद मिटाने में मिट जाते हैं,
गोलियाँ सीने पर ले तीन अनमिले हृदय मिलाते हैं। इस तरह एक डाल से तरह-तरह के पात निकलते हैं। किन्तु सबके फूलों से एक स्वाद के ही फल फलते हैं॥
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