गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
दोहा सप्तक-41 / रंजना वर्मा
1 byte removed
,
22:24, 13 जून 2018
उजड़ी दुनियाँ बहन की, भाई बहुत उदास।
पत्नी बच्चे रो रहे, बची न तिनका घास।।
धक धक जलती दोपहर, गरम रख सी धूल।
Rahul Shivay
Mover, Protect, Reupload, Uploader
6,574
edits