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ओट हाथ की / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
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21:26, 29 जून 2018
तुम न होते
बुझ जाता दीपक
,
सींच नेह से
जला दिया तुमने
चौराहे पर
'''
ओट हाथ की दे दी
'''
आँधी को रोका
फूत्कार-भय त्यागा
बिना तुम्हारे
हम जी पाते कैसे
बिना सहारे
दंशित नस -नस
काल सामने
'''
तुमने मन्त्र पढ़ेविष सदा उतारा
'''
-0-
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वीरबाला
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