गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
करके दया बचाले छत्री, भूलु नहीं अहसान तेरा / राजेराम भारद्वाज
No change in size
,
18:07, 7 जुलाई 2018
सतयुग-त्रेता द्वापर-कलयुग, काया मै आते हर बार,
14 मनु की एक
चैकड़ी
चौकड़ी
, एक कल्प, युग भी चार,
कल्प के 48 लाख और वर्ष बताए 20 हजार,
एक कल्प, एक दिन ब्रहमा का, जिसनै दिया रचा संसार,
Sandeeap Sharma
445
edits