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मर्दा बिन लुगाई सुन्नी, घर सुन्ना बिन बीर / गन्धर्व कवि प. नन्दलाल
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05:18, 9 जुलाई 2018
वासर सुन्ना हो बिन रवि, नगारि सुन्ना हो बिन पवि,
कवि बिना कविताई सुन्नी, समर बिना रणधीर,
लजै ना सत पथ धी
गरु
गुरु
गामिनी।।
कुन्दनलाल विपद सब मेटी, दिन्ही खोल ज्ञान की पेटी,
Sandeeap Sharma
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