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'''जमीदार का फर्ज बख्त पै, खेती नै बोवण का हो,''''''मात-पिता का धर्म सुता कै, लायक वर टोहवण का हो।। टेक ।।'''
मनु ऋषि का लेख देखल्यो, झूठ कहैं ना एक रती,
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