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08:25, 23 जुलाई 2018 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=[[लक्ष्मीनारायण रंगा]]
|अनुवादक=
|संग्रह=सावण फागण / लक्ष्मीनारायण रंगा
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<poem>
हर किरण कर लियो अधियारां सूं करार
अबै किण सूरज पर एतबार करां
हर कलम ई बिकगी जदै राजदरबार
अबै किण कलाम पर एतबार करां
हर धरम बणग्यो राजनीति अठै
अबै किण आदमी पर एतबार करां
सै जीभां पे लागी राजा री मोहर
अबै किण आवाज पर एतबार करां
हर काफलो गुमरियो भीड़ रै जंगळां
अबै किण रहनुमां पर एतबार करां
</poem>
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