566 bytes added,
07:33, 24 जुलाई 2018 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[लक्ष्मीनारायण रंगा]]
|अनुवादक=
|संग्रह=सावण फागण / लक्ष्मीनारायण रंगा
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
अकास
सूरज री
सोनल-रूपल
कलम सूं अर
हरियाळी री
हरी स्याई सूं
कर दिया
धरती रै कोरै
कागज माथै
दसखत
ठौड़-ठौड़
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader