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07:34, 24 जुलाई 2018 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[लक्ष्मीनारायण रंगा]]
|अनुवादक=
|संग्रह=सावण फागण / लक्ष्मीनारायण रंगा
}}
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<poem>
पाड़ां नै
लाग गी
लू
जणैई
सावणी राणी
समन्दर री
कटोरी मांय
भिजो-भिजो‘र
बादळी-रूई रा
फवां
उणरै माथै
लगावै
उतारै
</poem>
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