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15:39, 24 जुलाई 2018 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[लक्ष्मीनारायण रंगा]]
|अनुवादक=
|संग्रह=सावण फागण / लक्ष्मीनारायण रंगा
}}
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<poem>
आंगण
उफतियोड़ो
कमरा
अमूजियोड़ा ,
साळ-बरसाळी
राड़ सुळगायोड़ी
बैठक
मूंढो सूजायोड़ी
रसोई
सुळगती,
पइन्डो
भभका मारतो
मिन्दर
चिल्लाड़ा मारतो
मेड़ी
माथो पीटती,
भींतां
भौ खायोड़ी
बांडा-बार्यां
डरपीजियोड़ी
आळा-अलमार्यां
लुळता
जाळी झरोखा
झूरता,
नाळा-परनाळा
तिस्सा
छतां
आसूं टपकावती,
छत्ता-दुछता
मुंढ़ा सियोड़ा
भंवरा तहखाना
आंसू पियोड़ा,
धोरीमोड़ो
बन्द
डागळो
माथो झुकायोड़ो,
अरतण-बरतण
खड़कता
सीरख-पथरणां
झगड़ता,
अगाड़ी-पछाड़ी
सम्बन्ध तोड़ियोड़ा
अड़ौस-पड़ौस
मूंढ़ो फेरियोड़ा
गळी
मेण मुस्कली
चौक
चोफाळिया
अै है घर रा हाल
आ है जमाने री चाल!
</poem>