Changes

'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राजेन्द्र जोशी |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=राजेन्द्र जोशी
|अनुवादक=
|संग्रह=कद आवैला खरूंट ! / राजेन्द्र जोशी
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
अंधारै रै मूंढै बोलै
दिन बध्यां ई उजाळो
इण रात मांय।

नीं अंधारी, रात अठै री
घणी सांतरी ठंडी रातां
पग-पग माथै दीवो चासै
सोनलिया धरती हेलो मारै।

प्रीत अठै री राखै माण
रातां करै, थारो रातिजोगो
सोनै री बिछावट माथै।

लीला थारी रात पून्यूं री
अकूंत प्रीत री लोगां साम्हीं
बंसरी थारी खूब सुणैला
अपणायत सूं माण बधैला।

चांदो खुद साम्हीं आवैला
थारै साम्हीं बैठूं अठै ईज
गीत-प्रीत रा गावैला
सोनलिया धोरा थारो ई
हियै हूंस टपकावैला।
अबै थूं मुळकतो आ प्रभु
अंधारै रै मूंढै बोलै
दिन बध्यां ई उजाळो
इण रात मांय।

नीं अंधारी, रात अठै री
घणी सांतरी ठंडी रातां
पग-पग माथै दीवो चासै
सोनलिया धरती हेलो मारै।

प्रीत अठै री राखै माण
रातां करै, थारो रातिजोगो
सोनै री बिछावट माथै।

लीला थारी रात पून्यूं री
अकूंत प्रीत री लोगां साम्हीं
बंसरी थारी खूब सुणैला
अपणायत सूं माण बधैला।

चांदो खुद साम्हीं आवैला
थारै साम्हीं बैठूं अठै ईज
गीत-प्रीत रा गावैला
सोनलिया धोरा थारो ई
हियै हूंस टपकावैला।
अबै थूं मुळकतो आ प्रभु
इण सोनै री बिछावट माथै
म्हारै चित्त मांय
पून्यूं सूं अमावस आयजा
सूरज-चंदो अगवाणी करैला।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
8,152
edits