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16:41, 24 जुलाई 2018 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=राजेन्द्र जोशी
|अनुवादक=
|संग्रह=कद आवैला खरूंट ! / राजेन्द्र जोशी
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<poem>
म्हैं अठै ई सोवूंला
म्हैं मोटो नीं होवूंला
म्हारो घर बीजो नीं बणै
थारी गोदी मांय सोऊंला
इणमें ई रमूंला।
कदैई नीं छोडूं थारो हाथ
नीं छोडणो थारो साथ
नीं चाईजै रमतिया
नीं मिंदर जाऊं, नीं धोकूं देवी-देवता।
आ है म्हारी स्कूल
म्हारी मजल आ ईज है।
अळगो नीं होवणो म्हनै
अेकलो नीं रैवणो म्हनै
इण सूं मोटो समाज नीं है
थारी गोदी ई सगळो संसार है।
</poem>
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