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15:58, 26 जुलाई 2018 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[लक्ष्मीनारायण रंगा]]
|अनुवादक=
|संग्रह=आंख ई समझै / लक्ष्मीनारायण रंगा
}}
{{KKCatHaiku}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
अेक ई डाळ
पीळा‘र हरा पत्ता
ओ किसो न्याय?
{{KKBR}}
मन साहस
मंजल चाल आवै
पगां रै पास
{{KKBR}}
अस्त हुवतो
सूरज भी रंग दै
आखै आभै नैं
</poem>
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